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Namak Ishq Ka Lyrics in Hindi मैं चाँद निगल गयीहो जी मैं चाँद निगल गयी दैया रेहो भीतर भीतर आग जलेबात करूँ तो सेंक लगेअजी भीतर भीतर आग जलेबात करूँ तो सेंक लगेहो मैं चाँद निगल गयी दैया रे अंग पे ऐसे छाले पड़ेतेज था झोंखा का करूंसी-सी करती, सी-सी सी-सी करती मैं मरूंज़बां पे … Read more